जिले में मनरेगा फलोद्यान योजनांतर्गत 500 हेक्टयेर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके अंतर्गत जिले के कृषक निजी/पटटे की भूमि पर नींबू, अमरूद, मुनगा, आम, कटहल, आंवला, सीताफल, बेर, अनार आदि प्रजातियों के फलदार पौधों का रोपण एक एकड़ से एक हेक्टेयर तक कर सकते हैं। एक एकड़ क्षेत्र में फलोद्यान रोपण हेतु 4ग4 मीटर की दूरी पर 250 पौधे रोपित किये जायेंगे। परियोजना लागत प्रति एकड़ तीन वर्ष हेतु 1,89,500 रूपये का प्रावधान है जिसमें मजूदरी पर व्यय राषि 100510 रूपये एवं पौध, खाद, दवा, सिंचाई आदि पर राशि 88990 रूपये व्यय करने का प्रावधान है।
परियोजना अंतर्गत ऐसे हितग्राहियों को लाभान्वित किया जायेगा जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/गरीबी रेखा के जीवन यापन करने वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिला/विकलांग/इंदिरा आवास के हितग्राही/वनवासी परिवार/लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभाविंत किया जायेगा। प्राथमिकता उन हितग्राहियोंको दी जायेगी, जिनके पास स्वयं का सिंचाई का साधन उपलब्ध है। इस योजना का म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वः सहायता समूहों एवं मिशन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने वाले अन्य स्वः सहायता समूहों के सदस्य एवं उनके परिवार के सदस्य भी लाभ ले सकते हैं।
परियोजना का लाभ लेने हेतु ग्राम पंचायत के सचिव, रोजगार सहायक, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं उद्यान विभाग के नर्सरियों पर पदस्थ्य अमला तथा ग्रामीण आजीविका मिषन के अमला से संपर्क कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
मनरेगा फलोद्यान योजनांतर्गत