प्रोत्साहन और सुधार का विवेकपूर्ण सामंजन
देश की वित्त मंत्री द्वारा लगातार पांच दिनों से की जा रही घोषणाओं में प्रोत्साहन और सुधार का विवेकपूर्ण सामंजन किया गया है। कोविड-19 से उत्पन्न चुनौती को देखते हुए व्यवसाय एवं उद्यम क्षेत्र में उत्पन्न परिस्थिति से निबटने के लिए नीतिगत सुधार के साथ- साथ लॉकडाउन अवधि में आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए सुविचारित पैकेज प्रस्तुत किया गया है।
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत आर्थिक सहयोग के अलावा लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराकर तात्कालिक राहत दी गई। इसके अलावा टैक्स रियायत एवं ईपीएफ में सहयोग भी किया गया है। सरकार की ओर से व्यक्तिगत एवं उद्यम स्तर परकरों के भुगतान की मियाद में तत्काल बढ़ोतरी कर राहत दी गई ताकि लॉकडाउन उनके बीच उन्हें परेशानी नहीं हो।
वित्तमंत्री द्वारा कृषिक्षेत्र में सुधार के लिए भी कारगर कदम उठाते हुए कई पुराने कानूनों को अलग कर दिया गया है। बहुप्रतीक्षित आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन का भी निर्णय लिया गया है। इसके वर्तमान प्रावधान में मूल्य निर्धारण को लेकर कठिनाइयां व्यक्त की जा रही थी। इसके सहारे कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार हो सकेगा। सरकार ने एकलाख करोड़ का प्रावधान इसके लिए किया है। इससे कृषि क्षेत्र में उन्नति के साथ-साथ किसानों को बढ़िया कीमत भी मिल सकेगी।
खनन क्षेत्र में सुधार के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इसका भी काफी महत्व है। सीआईआई ने पहले ही खनन नीति में बदलाव का अनुरोध किया था। इसके तहत कोयला खनन हेतु वाणिज्यिक व्यवस्था पर जोर दिया गया था। इससे कार्यक्षमता में सुधार और खनन तथा धातु क्षेत्र में सुधार संभव होगा। सरकार ने इसमें बदलाव का निर्णय लेकर बढ़िया कदम उठाया है। निजी निवेश की व्यवस्था होने से बहुराष्ट्रीय कंपनी इसमें निवेश करेगी।
राज्यों में औद्योगिक पूंजी निवेश के लिए औद्योगिक आधारभूत संरचना में उन्नयन एकमहत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्यों में संभावनाओं के आधार पर निवेश की गुंजाइश बढ़ेगी तथा वैश्विक स्तर पर निवेशकों का झुकाव भारत की ओर होगा।इसके लिए पोर्टल तैयार करने का निर्णय काफी उपयोगी है।ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और इसमें निजी भागीदारी हेतु लिया गया निर्णय उपयोगी है।
लॉकडाउन के कारण MSME सेक्टर के उद्योगों पर काफी प्रभाव पड़ा है।इसकी स्थिति में सुधार के लिए वित्तमंत्री ने जिस पैकेज की घोषणा की है, वह काफी उपयोगी साबित होगी।इस क्षेत्र में जिस आर्थिक परेशानी का सामना उद्यमियों को करना पड़ता था, वह अब दूर हो सकेगी।इसके लिए तीन लाख करोड़ के ऋण की व्यवस्था सरकार की गारंटी पर की गई है।कमोबेश सरकार के इस निर्णय से इस क्षेत्र के उद्योग धंधों को 45 दिनों के भीतर पुराना बकाया चुकता करने में मदद मिलेगी।इस से इनकी गतिविधि में सुधार होगा और यह औद्योगिक क्षेत्र की मांगों की पूर्ति में सक्षम हो सकेगी।
सरकार की घोषणा के अन्य महत्वपूर्ण विषयों में लोकस्वास्थ्य, रक्षा, रियलइस्टेट एवं निर्माण क्षेत्र शामिल हैं।इन क्षेत्रों के लिए भी उपयोगी निर्णय लिए गए हैं।अप्रैल में जरूरतमंदों के खातों में पैसा हस्तांतरण तथा खाद्यान्न सहयोग पिरामिड का काम किया है।इसके अलावा मनरेगाके तहतकाम के अवसर सृजित कर गांव लौटे प्रवासी मजदूरों के जीविकोपार्जन हेतु भी अहम प्रयास सरकार ने किया है।
औद्योगिक क्षेत्र का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज आर्थिक सुधार के लिए सहायक सिद्ध होंगे।प्रवासी मजदूरों के लिए रेंटल आवास की घोषणा लंबे समय के लिए उनके जीवनदशा में सुधार हेतु महत्वपूर्ण साबित होंगे।ढांचागत सुधार केउपायउद्योग क्षेत्र के लिए, समय सीमा के भीतर कार्यान्वित किए जाने पर, आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक होंगे।केंद्र सरकार की 20 लाख करोड़ के पैकेज से देश की अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक असर पड़ेगा।
*